Monday, 5 October 2020

पुष्प : एक परिचय ( भाग 10 )

B -पुंकेसर के विभिन्न प्रकार(Types of Anther)-
   1- पृथक पुंकेसरी (polyandrous) - जब पुंकेसर (Anther) स्वतन्त्र होते हैं । 
   2- द्विदीर्घी ( Didynamous ) - चार पुंकेसरों में से दो के filament लंबे तथा दो के छोटे होते हैं । 
  3 - चतुर्दीर्घी ( Tetradynamous ) - पुष्प में 6 पुंकेसर पाए जाते हैं जिनमें दो पुंकेसरों के तंतु छोटे तथा चार के लम्बे होते हैं । Example - Musterd (सरसों ) । 
  4 - संघी ( Adelphous ) - जब Anther के filaments आपस में जुड़कर समूह का निर्माण करते हैं तब इन्हें  संघी (Adelphous ) कहते हैं । ये निम्न प्रकार के होते हैं - 
 अ - एकसंघी ( Monoadelphous ) -  जब पुंकेसरों के तंतु एक संघ में व्यवस्थित होते हैं Example - Hibiscus (गुड़हल ) ।
   ब - द्विसंघी ( Diadelphous ) - इसमें पुंकेसर दो समूहों में मिलते हैं Example - pea ( pisum sativum )  । 
   स - बहुसंघी ( Polyandrous ) - जब सभी filaments संयुक्त होकर कई समूह बनाते हैं । Example - नींबू 
    5 - युक्तकोशी ( Syngenesious ) - इस प्रकार के androecium में सभी पुंकेसरों के filament तो अलग होते हैं परन्तु anther संयुक्त हो जाते हैं। Example - Sunflower (सूर्यमुखी) 
  6 - संपुमंगी (Synandrous) - जब सारे stamens , anther से लेकर filament. तक पूरी तरह संयुक्त हो जाते हैं। Example - Cucurbita 
  7 - दललग्न (Epipetalous ) - जब filament petals के साथ संयुक्त हो जाते हैं।
  8 - पुंजांयांगी ( Gynandrous ) - stamens  Gynoecium के साथ संयुक्त हो जाते हैं। 
  9- परिदललग्न ( Epiphyllous ) - जब filament perianth  के साथ संयुक्त हो जाते हैं। 

  
 

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