1- पृथक पुंकेसरी (polyandrous) - जब पुंकेसर (Anther) स्वतन्त्र होते हैं ।
2- द्विदीर्घी ( Didynamous ) - चार पुंकेसरों में से दो के filament लंबे तथा दो के छोटे होते हैं ।
3 - चतुर्दीर्घी ( Tetradynamous ) - पुष्प में 6 पुंकेसर पाए जाते हैं जिनमें दो पुंकेसरों के तंतु छोटे तथा चार के लम्बे होते हैं । Example - Musterd (सरसों ) ।
4 - संघी ( Adelphous ) - जब Anther के filaments आपस में जुड़कर समूह का निर्माण करते हैं तब इन्हें संघी (Adelphous ) कहते हैं । ये निम्न प्रकार के होते हैं -
अ - एकसंघी ( Monoadelphous ) - जब पुंकेसरों के तंतु एक संघ में व्यवस्थित होते हैं Example - Hibiscus (गुड़हल ) ।
ब - द्विसंघी ( Diadelphous ) - इसमें पुंकेसर दो समूहों में मिलते हैं Example - pea ( pisum sativum ) ।
स - बहुसंघी ( Polyandrous ) - जब सभी filaments संयुक्त होकर कई समूह बनाते हैं । Example - नींबू
5 - युक्तकोशी ( Syngenesious ) - इस प्रकार के androecium में सभी पुंकेसरों के filament तो अलग होते हैं परन्तु anther संयुक्त हो जाते हैं। Example - Sunflower (सूर्यमुखी)
6 - संपुमंगी (Synandrous) - जब सारे stamens , anther से लेकर filament. तक पूरी तरह संयुक्त हो जाते हैं। Example - Cucurbita
7 - दललग्न (Epipetalous ) - जब filament petals के साथ संयुक्त हो जाते हैं।
8 - पुंजांयांगी ( Gynandrous ) - stamens Gynoecium के साथ संयुक्त हो जाते हैं।
9- परिदललग्न ( Epiphyllous ) - जब filament perianth के साथ संयुक्त हो जाते हैं।
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