Wednesday, 30 September 2020

पुष्प : एक परिचय ( भाग 8 )

    19 - वाह्यदलपुंज तथा दलपुंज में पुष्पदल विन्यास( Aestivation of calyx and corolla ) - 
   1- कोरस्पर्शी (Valvate) - चक्र के सभी दल अथवा वाह्यदल के किनारे आमने सामने होते हैं तथा एक दूसरे से जुडे होते हैं (Gamopetalous) अथवा अलग - अलग हो सकते हैं (polypetalous) ।
  2- संवलित ( Twisted or Convolate ) - जब दो सदस्यों के किनारे आमने सामने न होकर एक दूसरे को ढ़कते ( overlap ) हैं इस स्थिति को Twisted कहते हैं । 
   3- कोरच्छादी (Imbricate) - जब पुष्प दल विन्यास में एक पुष्प दल पूरी तरह से स्वतन्त्र तथा दूसरा पूरी तरह से ढका रहता है बाकी 3 सदस्य twisted अवस्था में होते हैं । ये निम्नलिखित प्रकार के होते हैं - 
   (क) आरोही कोरच्छादी ( Ascending Imbricate )- 
   पश्च ( posterior ) पुष्प दल पार्श्व दलों से ढ़का रहता है । 
   (ख) अवरोही कोरच्छादी (Decending Imbricate) - 
पश्च ( posterior ) पुष्प दल पार्श्व दलों को ढ़कता है ।
   (ग) क्युनकनसियल (Quincuncial ) - इसमें पुष्प दल के दो सदस्य बिना ढके तथा दो पूरी तरह से ढके रहते हैं । पांचवां twisted अवस्था में होता है । 
    
 

No comments:

Post a Comment

बीज क्या है ? ( What is seed ? )

आवृतजीवी पौधों में बीज (seed) फल (fruit) के अन्दर बनने वाली वह विशेष संरचना है जो बीजान्ड  ( ovule ) के निषेचन (fertilization) क...