Saturday, 19 September 2020

पुष्प क्रम : विभिन्न प्रारूप ( भाग 3 )

असीमाक्षी पुष्प क्रम के प्रकार - ये निम्नलिखित प्रकार के होते हैं - 1 - असीमाक्ष (receme ) - मुख्य अक्ष लंबा तथा बड़ा होता है और पत्तियों अथवा सहपत्रों ( Bracts ) के कक्षों से पुष्प निकलते हैं , example - मूली , सरसों, Delphinium आदि ।                                                                            2 - स्पाइक ( Spike ) - इसमें वृद्धिशील अक्ष पर अवृंत ( sessile ) पुष्प निकलते हैं example चौलाई , लटजीरा आदि 
 3 -  स्पाइकलेट ( spikelet ) - ये वास्तव में छोटे छोटे स्पाइक होते हैं जिनमें कभी कभी कई तथा कभी कभी केवल एक ही पुष्प होता है । ये आधार की ओर glumes से घिरे रहते हैं । Example जौ , गेहूं , जई आदि ।
  3 - मंजरी ( catkin ) - इसमें अक्ष लंबा तथा pendulous होता है तथा कमजोर पुष्प अक्ष पर एकलिंगी और पंखुड़ी विहीन पुष्प लगे रहते हैं example शहतूत , सेलिक्स आदि। 
  4 - स्थूलमंजरी ( Spadix ) - यह एक प्रकार का एकलिंगी पुष्पों वाला स्पाइक है जिसमें गूदेदार वृंत दो या दो से अधिक बड़े रंगीन निपत्रों ( spathe ) से ढका रहता है example केला , ताड़ आदि । पुष्पावलि वृंत का ऊपरी बंध्य भाग appendix कहलाता है नीचे के भाग में ऊपर की ओर नर पुष्प , मध्य में बंध्य पुष्प तथा नीचे की ओर मादा पुष्प होते हैं  । सभी पुष्प अवृंती होते हैं । Example - अरबी आदि ।

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