Saturday, 19 September 2020
न्यूक्लिक एसिड ( Nucleic Acid )
Freidrick Meischer ( 1869 ) ने पस कोशिकाओं में ( रुधिर की श्वेत कोशिकाएं अर्थात श्वेत रुधिर कोशिकाओं - WBCs ) से केंद्र को को पृथक करके एक पदार्थ निकाला जिसमें सल्फर की मात्रा कम परंतु फास्फोरस की मात्रा अधिक थी । इस पदार्थ को उन्होंने "nuclein" नाम दिया । यह प्रोटीन से भिन्न था क्योंकि प्रोटीन में फास्फोरस नहीं होता । अल्टमान (1889) ने केंद्रीय पदार्थ को निकालकर शुद्ध किया और पता लगाया कि इसमें नाइट्रोजनी बेस , शर्कराएं तथा फास्फोरिक अम्ल होता है इन्हीं गुणों के कारण उन्होंने इस पदार्थ का नाम न्यूक्लिन के स्थान पर न्यूक्लिक अम्ल रखा । न्यूक्लिक अम्लों के अणु प्रोटीन अणुओ से भी बड़े और सबसे महत्वपूर्ण जैविक अणु होते हैं । प्रत्येक कोशिका में न्यूक्लिक अम्ल दो प्रकार के होते हैं - डी ऑक्सी राइबो न्यूक्लिक अम्ल तथा राइबो न्यूक्लिक अम्ल ।
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